जानिए क्या है मानहानि - जानिए मानहानि का पूरा विवरण


जानिए क्या है मानहानि

हम बार-बार न्यूज़ में या अखबार में देखते है कि किसी ने Court में फलां व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का दावा किया है या ये और तो कई बार
मानहानी ठीक से जानने की आपकी इच्छा होती है कि मानहानि है क्या और किस सिचुएशन में मानहानि का दावा किसी व्यक्ति पर किया जा सकता है तो चलिए इस बारे में आज हम आपको पूरी जानकारी देते है।

Defamation

मानहानि क्या है: मानहानि असल में वो प्रभाव है जो किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की ग्राउंडलेस आलोचना करने उसके बारे में गलत धारणा बिना किसी पुख्ता आधार के समाज में पेश करना से व्यक्ति की छवि पर पड़ता है और इसके लिए जिस व्यक्ति के बारे में भ्रामक बातें कही जा रही है वो व्यक्ति कोर्ट में अपने खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार के खिलाड़ उसकी इमेज को जो लॉस पहुंचा है उसकी भरपाई के लिए केस फाइल कर सकता है।


मानहानि के प्रकार: मानहानि 2 प्रकार से हो सकती है एक तो मौखिक रूप में जिसमे कोई व्यक्ति या संगठन किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाकर बेतुका आलोचना कर सकता है या फिर प्रकाशन रूप में भी किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ उसकी इमेज खराब करने के उद्देश्य से अगर कुछ पब्लिश किया जाता है जिसको पढ़कर या मौखिक रुप से की गयी व्याख्या को सुनकर लोगो के मनो में किसी व्यक्ति विशेष के लिए नफरत का भाव उत्पन्न होता हो तो यह मानहानि कहलाता है।


मानहानि की दशा में सजा के प्रावधान: इसके लिए इंडियन कानून के अनुसार 2 धाराएँ है जो इसे समझाती है और वो है IPC के अनुसार धारा 499 और धारा 500 के अनुसार मानहानि के अपराध में दोषी पाये जाने पर दोषी को 2 वर्ष तक की सजा हो सकती है।


मानहानि के उदाहरण: हालाँकि भारतीय परिवेश में सामान्य तौर पर यह एक कम ही सामने आने वाला मसला है क्योंकि इस तरह की शिकायतों को स्थानीय लोग अपने स्तर पर सुधार लेते है और अगर ऐसा होता भी है कि कोई व्यक्ति मानहानि का दावा करता है तो विशेष परिस्थिति को छोड़कर सामान्यत यह साबित करने में बहुत वक़्त जाया होता है कि व्याख्या करने वाला सही है या उसके पीछे कोई आधार भी है लेकिन आप अगर भारतीय राजनीती की बात करे तो कई तरह के ऐसे मामले है जो चर्चित रहे हैउसमे से एक हैमशहूर राजनीतिज्ञ सुभ्रमन्यम स्वामी के खिलाफ तमिलनाडु की सरकार ने मानहानि के 5 मामले कोर्ट में दायर किये थे जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने बाद में रोक लगा दी थी और उन पर आरोप ये था कि उन्होंने CM के खिलाफ सोशल साइट्स पर अपमानजनक कमैंट्स की थी | इसके अलावा AAP पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल और कई अन्य भी इन धाराओं को खत्म कर देने के पक्ष में है।


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