जानिए क्यों हो रहा है भारत चीन सीमा विवाद


जानिए क्यों हो रहा है भारत चीन सीमा विवाद

दोस्तों, आज के वर्तमान युग में लगभग सभी देश का एक ही उद्देश्य है और वो है एक दूसरे से आगे निकलने का ,कोई भी देश अपने से अलग किसी दूसरे देश की तरक्की
नहीं देखना चाहता। एक दूसरे की तरक्की की प्रतिस्पर्धा में अनबन हो जाती है जो युद्ध का कारण बनता है ,जो देश जितना महान है वह अपने से छोटे देश को डरने का प्रयाश करता रहता है। दो देशो के बीच लड़ाई का यही कारण बनता है।

इंडिया और चीन सीमा का मतभेद बहुत ही पुराना है। भारत और चीन की लड़ाई 1962 में हुई थी, और उस लड़ाई में चीन को विजयी प्राप्त हुई। हाल ही में डोकलाम झगड़ा हुआ, इसकी विशेष वजह उसकी अवस्थित है। इस स्थान पर एक ऐसा जंक्शन है जहा पर इंडिया, चीन और भूटान तीनो देशो की सीमाएं मिलती है। भारत का इस इलाके पर कोई अनुरोध नहीं है,लेकिन भूटान और चीन की लड़ाई इस इलाके को चलती रहती है। अब यहां इस इलाके पर चीन देश का कब्जा है और भूटान उस पर अनुरोध करता है, भूटान और इंडिया में आपसी मित्रता रहती है।

चीन की सड़क बनने से भारत की सुरक्षा के लिए बड़ी चिन्ता का मामला है। रोड लिंक से चीन को इंडिया पर एक  विशाल सामरिक लाभ मिलेगा। इससे पहले के क्षेत्रो में भारत से जुड़ने वाला कॉरिडोर चीन के हिस्से में जायेगा, जबकि चीन का कहना है कि यह रास्ता उसके तिब्बतसिल्क रस्ते का एक भाग है। भारत का इस खंड पर कोई अधिकार नहीं है, भारत को हर हाल में पीछे हटना होगा। इंडिया और भूटान चाहते है कि जब तक इस तक्रारी इलाके का कोई निर्णय नहीं होता, रोड उत्पादन कार्य में ठहराव लगा रहना चाहिए और आगे भी किसी तरह का कार्य नहीं होना चाहिए। भारत के साथ साथ भूटान के इलाके में भी बचाव सम्बन्धी प्रश्न है। भूटान सरकार और भारत के मध्य मित्रता और सहकार्यता के संबंधो को ध्यान में रखते हुए अपने राष्ट्रीय हितो से सम्बंधित मामलो में एक दूसरे के साथ हैI


भारत और चीन के बीच डोकलाम झगडे का आरम्भ 18 जून Two Thousands Seventeen से हुआ था। उस वक़्त से आज तक यह झगड़ा चल रहा है। सितम्बर के महीने में ब्रिक्स शिखर सम्मलेन से पूर्व दोनों देशो ने अपनी-अपनी सेनाओ को पीछे हटाने का फैसला लिया। इंडिया और चीन के बीच अभी तक 3 बार लड़ाई हो चुकी है। सन 1962 में चीन ने अचानक ही भारत पर आक्रमण कर दिया था, भारतीय सैनिकों को जरा भी अटकल नहीं थी की लड़ाई होने वाली है। यहाँ तक की चीन के सैनिकों ने छुप-छुप कर भारतीय सैनिकों की फ़ोन लेडलाइने काट दी जिससे वे की सैनिक अपने सदर मुकाम में बातचीत ना कर सके। चीन के सैनिकों ने एक बड़े झाड में आग लगा दी जिससे भारतीय सैनिक भ्रम में रह गए और उसकी सहायता से चार सो से भी अधिक सैनिको की फ़ौज ने हमला कर दिया। दलाई लामा ने चीन को छोड़कर भारत में रहने का फैसला कर लिया आवर वो भारत में आकर रहने लगे। दलाई लामा चीन के एक अध्यात्मिक गुरु थे। जिसकी वजह से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया।


चीन 1962 की लड़ाई के बाद से निरन्तर भारत पर दबाव बनाने की कोशिस कर रहा है, लड़ाई का डर देते जा रहा है। 1962 जैसा नतीजा होने की बाते कर रहा है। 1962 से 5 साल बाद 1967 में भारत के जोशीला सैनिको ने चीन को बहुत ही अच्छे तरीके से सबक सिखाया जो चीन के लोगो को आज भी याद होगा। डोकलाम इलाके में भारत की भौगौलिक स्थिति हो। भारतीय सुखोई हो या ब्रह्मोस, इसका चीन के समीप कोई उपाय नहीं है. चीन का सुखोई 30 एमकेएम एक साथ केवल दो निशाने लगा सकता है, जबकि भारतीय सुखोई एक साथ 30 निशाने लगा सकता है। हाल ही में भारत ने एक ऐसे मिसाइल सिस्टम बनाने में लगा हुआ है, जिससे दक्षिण भारत से भी चीन पर परमाणु आक्रमण किया जा सकता है। भारत अभी उत्तरी भारत से मिसाइल से केवल चीन ही नहीं बल्कि यूरोप के बहुत से हिस्सों पर भी आकर्मण करने में समर्थ है। इस प्रकार चीन भारतीय मिसाइलों के परमाणु अकर्मणो के पूरी तरह रेंज में है।

सन 1988 के बाद से चीन भूटान के कुछ हिस्से में उल्लंघन कर रहा है। चीन पहली बार डोकोला से ज़ूमली में भूटान आर्मी शिविर की ओर एक समतल रोड को बना रहा है, क्योकि यह काम उसने पहले भी कर लिया है और भूटान मुक़ाबला करने की वीरता नहीं दिखा सका। भूटान के पीएलए के सैनिकों को उत्पादन बंद कराने की अवस्था में नहीं हैं, उन्होंने चीन के दल को जमीनी और कूटनीतिज्ञ चैनलों के दवारा कई बार मुक़ाबला जता चुका है, लेकिन चीन यह बात भली भाति जानता है कि भूटान चीन का बाल भी उखाड़ नहीं सकता है। भारत और चीन ने उस स्थान पर सैनिकों की तैनाती की जहां सिक्किम-भूटान-तिब्बत की सीमाएं मिलती हैं। चीन ने नाथू ला पास से होकर गुज़रने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी अस्वीकृत कर दिया।


चीन के विदेशी मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि भारत को अपने सैनिको और मशीनों को हटाना होगा और चीन ऐतिहासिक सीमा समझौते के अंतर्गत अपने अधिकारों का प्रयोग करना होगा। डोकलाम का क्षेत्र भारत के लिए बहुत ही आवश्यक है, भारत के सिक्किम, चीन और भूटान के तिराहे पर स्थित डोकलाम पर चीन एक हाइवे बनाने की कोशिश में लग रहा है, जिसका मुक़ाबला भारत के सैनिक कर रहे है, उसकी विशाल जीत ये है कि यदि डोकलाम तक चीन की सुगम गमनागमन हो गया तो फिर वह भारत को अपनी धमकी से दबाये रखेगा। यदि चीन डोकलाम क्षेत्र में अपना प्रभाव साबित करने में सफल हो गया तो वो 'चिकन नेक' क्षेत्र में बढ़त ले लेगा, जो भारत के लिए बहुत ही नुकसानदायक होगा।


किसी भी देश के लिए लड़ाई एक अच्छा रास्ता नहीं होता है फिर चाहे वह देश भारत हो या चीन। सभी देशों के बीच अमन चैन और दोस्ती हमेशा बनाये रखना चाहिए। लड़ाई से केवल निकसान ही होता है, दोनों देशो की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। लड़ाई से किसी बात का नतीजा नहीं निकलता है

Take a Look on Below Table

Government Jobs Private Jobs
Engineering Jobs 10th / 12th Pass Jobs
Employment News Rojgar Samachar
Railway Jobs in India Upcoming Sarkari Naukri
Upcoming Bank Jobs Graduate Degree Jobs
Exams Preparation Tips Personality Development Tips
English Improvement Tips Interview Preparation Tips

0 comments:

Post a Comment